भारत में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की क्या भूमिका है?
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उप: उप नियंत्रक और लेखा परीक्षक

लोग यह भी पूछते हैं कि नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की क्या भूमिका है?

कार्यों और की शक्ति सीएजी वह केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के किसी भी विभाग द्वारा रखे गए सभी व्यापार, निर्माण, लाभ और हानि खातों, बैलेंस शीट और अन्य सहायक खातों का ऑडिट करता है। सीएजी संसद की लोक लेखा समिति के मार्गदर्शक, मित्र और दार्शनिक के रूप में भी कार्य करता है।

साथ ही, महालेखा परीक्षक का क्या कार्य होता है? NS काम का महा लेखाकार सरकारी वित्त पर नज़र रखने के इर्द-गिर्द घूमता है, इसलिए लेखांकन का अनुभव विस्मयकारी है। अक्सर वे काम एक राज्य के लेखा विभाग (अक्सर कार्यालय के रूप में जाना जाता है) के माध्यम से अपना रास्ता महा लेखाकार ), यहां तक कि डिप्टी. के रूप में भी सेवा कर रहे हैं महा लेखाकार शीर्ष पर नियुक्त होने से पहले काम.

इस प्रकार भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को कौन हटा सकता है ?

अनुच्छेद 148 - नियंत्रक और लेखा परीक्षक - जनरल ऑफ इंडिया . वहाँ होगा a नियंत्रक और लेखा परीक्षक - भारत के जनरल जो राष्ट्रपति द्वारा अपने हस्ताक्षर और मुहर के तहत वारंट द्वारा नियुक्त किया जाएगा और केवल होगा निकाला गया सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पद से उसी तरह और समान आधार पर।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का कार्यकाल कितना होता है?

सीएजी की नियुक्ति की वर्तमान प्रक्रिया

नहीं। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक वर्ष का कार्यकाल समाप्त
9 वी. के. शुंगलू 2002
10 वी. एन. कौली 2008
11 विनोद राय 2013
12 शशि कांत शर्मा पदधारी (6 वर्ष का कार्यकाल या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो)

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